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धर्म का पालन करने का अधिकार जीवन के अधिकार के अधीन है: मद्रास हाईकोर्ट ने मंदिरों को फिर से खोलने की याचिका का निपटारा किया

मद्रास हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि नागरिकों को धर्म का पालन करने का अधिकार उनके जीवन के अधिकार के अधीन है। इस प्रकार, न्यायालय ने पूरे तमिलनाडु में मंदिरों को फिर से खोलने की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया।

 मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी और न्यायमूर्ति सेंथिलकुमार राममूर्ति की खंडपीठ ने यह भी कहा कि जब जीवन का अधिकार खतरे में है, तो धर्म का पालन करने के अधिकार को पीछे हटना होगा।

मद्रास हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि नागरिकों को धर्म का पालन करने का अधिकार उनके जीवन के अधिकार के अधीन है। इस प्रकार, न्यायालय ने पूरे तमिलनाडु में मंदिरों को फिर से खोलने की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया।

https://hindi.livelaw.in/category/top-stories/right-to-practice-religion-is-subservient-to-right-to-life-madras-high-court-disposes-of-plea-seeking-reopening-of-temples-176744