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किसी व्यक्ति को शिकायत/ एफआईआर वापस लेने या विवाद सुलझाने के लिए धमकी देने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 195ए नहीं लगेगी : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसी व्यक्ति को शिकायत या एफआईआर वापस लेने या विवाद सुलझाने के लिए धमकी देने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 195ए नहीं लगेगी।

 

जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस जे बी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि धारा 195ए का बाद वाला हिस्सा यह स्पष्ट करता है कि झूठे साक्ष्य का मतलब अदालत के समक्ष झूठा साक्ष्य देना है।

 

इस मामले में, एफआईआर में आरोप यह है कि आरोपी व्यक्तियों ने आईपीसी की धारा 376 डी, 323, 120 बी, 354 ए और 452 के तहत दंडनीय अपराधों के लिए दर्ज की गई पहली एफआईआर को वापस लेने के लिए पहली शिकायतकर्ता को धमकी दी और दबाव डाला। एफआईआर को रद्द करने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष आरोपी द्वारा दायर याचिका खारिज कर दी गई।