सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) के फैसले को चुनौती देने वाली अपील पर सुनवाई करते हुए एनसीडीआरसी के फैसले पर अपना असंतोष व्यक्त किया।
जस्टिस ए.एस. बोपन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की। खंडपीठ यह देखकर आश्चर्यचकित रह गई कि वर्तमान मामले में ट्रिब्यूनल के सदस्यों ने टिप्पणियां कीं, जैसे वे विवादित मामले के एक्सपर्ट हैं।
न्यायालय ने कहा, “हम यह देखकर आश्चर्यचकित हैं कि शिकायत सुनने वाले सदस्यों ने ऐसी टिप्पणियां की हैं जैसे कि वे हानि मूल्यांकनकर्ता और विशेषज्ञों की रिपोर्ट पर अपील में बैठे विशेषज्ञ हों... हमें ऐसा लगता है कि एनसीडीआरसी ने विवादित मामले में टिप्पणियां की हैं। निर्णय ऐसे दिया गया मानो इसके सदस्य संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ हों और उनके पास उस विषय पर अपील करने का अधिकार हो।''